एक सलाह दूंगा पक्की। यह गडकरी श्रीमान मिनिस्टर स्क्रैप पॉलिसी के करता धारता। "बस कीजिए श्रीमान" फिर लग रहा है तू कुछ घपला कर रहा है? फायदा हमारा तो कुछ नहीं, कार कंपनी होंगी माला माल।
१५ साल के लिए लोग इतनी महंगी कार, ट्रैक्टर और ट्रक खरीदें। और तू अमेरिका से चेपी स्क्रैप पॉलिसी हम पर थोप दे, और हम करदें अपनी महनत की कमाई जमा तेरे कबाड़ खाने में।
पहले हमारी माली हालत तो ठीक कर। समाल समाल के चलाते है अपनी, महनत की कमाई से खरीदी हुई कार को।
ये पॉलिसी लागू होने पर पूरा यकीन हो रहा है, की देश में काला धन बे धड़क कमाया जा रहा है, उनको टारगेट कर तो रहे हो, परन्तु उखाड़ कुछ नही पारहे हो, बुरी तरह फेल हो चुके हो श्रीमान मिनिस्टर। पर हां ईमानदारों का और महंती, महनत की कमाई वालों को खुले आम मार रहे हो।
हमारे लिए तुम हो या वो, कुछ फर्क नजर नहीं आ रहा है अब।
तेरा टोल भी,घपला है बकवासी मिनिस्टर रोड ट्रांसपोर्ट के।
हर वायक्ति से निवेदन है, इस व्हीकल स्क्रैप पॉइसी की खिलाफ, जो की बिना देश को विश्वास में लेके लागू की जा रही है; आवाज उड़ाएं।
ये सरासर एक तरफा है, और लोगों को धोखे में रख समय ना दिए बिना लागू की जाने वाली है।
श्रीमान मंत्रीजी, प्रदूषण दूर करना और इसी प्रकार, हमारे खर्चे से देश की अच्छी तरह चलने वाली पुरानी गाडियां स्क्रैप मैं डालने की मोहिम, कोई देश की भलाई या देश का प्रेम नहीं है। देश को समय चाहिए, कस्ट हम को होगा, महनत की कमाई हमारी जा रही है।
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