21Jun21
योग दिवस की सब को हार्दिक शुभ कामनाएं
"योग और प्राणायाम"
वेलनेस, फिटनेस, बीमारियों से मुक्ति, खुशहाली और प्रगति को प्राप्त करने की एक हिंदू प्रक्रिया है। इसे हिंदू वैदिक स्लोक का उच्चार करके ही करा जाता है
योग सिर्फ़ आसनों तक ही सीमित नहीं है बल्कि इससे कहीं अधिक है,अपने मन, शरीर और श्वांस की देखभाल करना है |
योग 5000 वर्ष (BC) से भारतीय ज्ञानपीठ का एक महत्वपूर्ण अंग है |
योग में आसन, प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से हम मन, श्वांस और शरीर के विभिन्न अंगो में सामंजस्य बनाना सीखते हैं |
प्राणायाम = प्राण + आयाम। इसका शाब्दिक अर्थ है - 'प्राण (श्वसन) को लम्बा करना' या 'प्राण (जीवनीशक्ति) को लम्बा करना'। प्राणायाम की प्रक्रिया आप के सारे इंटरनल ऑर्गन को एक्टिवेट, तंदुरुस्त और दुरुस्त काम करने योग बना देता है।
No comments:
Post a Comment