फिर
"जिएं जिंदगी जी भर के, जो आप हमेशा जीना चाहते थे।"
"जिएं जिंदगी जी भर के, जो आप हमेशा जीना चाहते थे।"
आप अवश्य अपने आप को एक बहुत ही सफल और निहायत ज्ञानी मनुष्य समजते होंगे। आप को अपनी कामयाबी की शिखर पर पहुंचने का गर्व एवम घमंड होना ज़रूरी है। आपका यह महत्पूर्ण योगदान और आप की सरकारी नौकरी की दिन रात की तपसिया, परिश्रम, त्याग और हर मुसीबतों को हंसते हुए झेलना, बाकी तमाम साथी और सरकारी लोगों के लिए एक उधाहरण और प्रेरणा का कारण अवश्य होगा।
आप ने दिन रात एक करा होगा, अपने कर्तव्य को निभाते निभाते। क्यों! की आप, अपनी सफलता के साथ साथ अपने परिवार की खुशी भी चाहते थे।
आपने परिवार को शायद, वो हर आराम और खुशी की वस्तु देना चाहते थे, जो हो सकता है, आप के खुद के ताकत और क्षमता से बाहर हो। आप ने हो सकता है, अपने खुद के लिए कटौती की और परिवार की हर ज़रूरतें पूरी की होंगी।
आप अवश्य अपने आप को एक हीरो समजने लगे होंगे। वाकई, क्यूं नहीं! आप ने ऐसा, अपने हर अंदाज़ से, हर एक के लिए; जिम्मेदारी और दायित्व हमेशा भरपूर निभाया होगा।
आप, अपनी ज़िन्दगी की सफलता, लोगों की सेवा, और हर एक छोटी और बड़ी कामयाबी के लिए, बेहद खुशी, हर दिशा से महसूस ज़रूर करते होंगे।
आप हीरो हैं। आपका सर ऊंचा, छाती चौड़ी, आंखो में तेज और दिल में एक आनन्द का एहसास होना उचित और ज़रूरी है।
आप ने दिन रात एक करा होगा, अपने कर्तव्य को निभाते निभाते। क्यों! की आप, अपनी सफलता के साथ साथ अपने परिवार की खुशी भी चाहते थे।
आपने परिवार को शायद, वो हर आराम और खुशी की वस्तु देना चाहते थे, जो हो सकता है, आप के खुद के ताकत और क्षमता से बाहर हो। आप ने हो सकता है, अपने खुद के लिए कटौती की और परिवार की हर ज़रूरतें पूरी की होंगी।
आप अवश्य अपने आप को एक हीरो समजने लगे होंगे। वाकई, क्यूं नहीं! आप ने ऐसा, अपने हर अंदाज़ से, हर एक के लिए; जिम्मेदारी और दायित्व हमेशा भरपूर निभाया होगा।
आप, अपनी ज़िन्दगी की सफलता, लोगों की सेवा, और हर एक छोटी और बड़ी कामयाबी के लिए, बेहद खुशी, हर दिशा से महसूस ज़रूर करते होंगे।
आप हीरो हैं। आपका सर ऊंचा, छाती चौड़ी, आंखो में तेज और दिल में एक आनन्द का एहसास होना उचित और ज़रूरी है।
श्रीमान, आप की सोच और समझ सही है, परन्तु आगे मृगतृष्णा मैं ना जिए। आज से पुरानी यादों मैं ना रहें। जमीन पे उतरें। अन्यथा, आप मु,के,बल अवश्य गिर सकते है।
याद रखें ! जैसे जैसे आप अपना जन्म दिन मनाते जा रहे हैं! आप के पास "चार विकल्प" बचे है।
पहला! इस दुनिया में आप का केवल एक ही साथी है, जो आप का साथ अंत तक देगा, और वो है आप का "जीवन साथी"। अनावश्यक साथ आेरों में ना खोजें। चरित्र का निर्वाण करें। कियुंकी खुशी को यहां वहां खोजने मैं आप का परिश्रम वर्थ जायेगा।
दूसरा! आप की "सेहत", अगर आप अपने आप को हर तरह से तंदरुस्त नहीं रखेंगे, आप ना जी पाएंगे ना मरेंगे। याद रखें!
आप दवाइयों को अपना सहारा जायदा ना बनाएं। अब समय है, वर्जिश पे जोरदें और विश्वास करें। जरा गंभीरता से ले इस विषय को।
आप दवाइयों को अपना सहारा जायदा ना बनाएं। अब समय है, वर्जिश पे जोरदें और विश्वास करें। जरा गंभीरता से ले इस विषय को।
तीसरा! अगर आप पैसों के मामलों में आत्म निहित नहीं है,तो यहां एक रोड़ा है।
अगर आपने,अपने पैसों का नियोजन ठीक तरह नहीं किया है, इस का मतलब आप खुद का ध्यान और दूसरों को पैसों का सहयोग बिल्कुल नहीं दे सकते है। आप मुसीबत के रास्ते पर चल रहे है। कुछ कीजिए, वरना आगे का समय कठोर है।
इस की योजना आपने बहुत पहले से सुरु करनी चाहिए थी। अभी भी समय है, कुछ कीजिए, निंद्रा मैं न रहें।
अगर आपने,अपने पैसों का नियोजन ठीक तरह नहीं किया है, इस का मतलब आप खुद का ध्यान और दूसरों को पैसों का सहयोग बिल्कुल नहीं दे सकते है। आप मुसीबत के रास्ते पर चल रहे है। कुछ कीजिए, वरना आगे का समय कठोर है।
इस की योजना आपने बहुत पहले से सुरु करनी चाहिए थी। अभी भी समय है, कुछ कीजिए, निंद्रा मैं न रहें।
चोथा! अगर आप ने, अपने पहले तीन अंतिम श्रृंखला के महत्पूर्ण पड़ाव का सही प्रकार से निर्माण किया है, तो बस क्या रुकना, खुशी आप का और आप के "जीवन साथी" का साथ हर पल, हर समय देगी।
फिर चिंता किस बात की दोस्तों, आनन्द उठाएं हर पल और हर दिन का।
"जिएं जीवन जी भर के, जो आप हमेशा जीना चाहते थे।"
फिर चिंता किस बात की दोस्तों, आनन्द उठाएं हर पल और हर दिन का।
"जिएं जीवन जी भर के, जो आप हमेशा जीना चाहते थे।"
मगर! याद ज़रूर रखें।
अगर आप! मेरी बताई हुई, अंतिम श्रृंखला के चार महत्पूर्ण पड़ाव के हर पायदान पर आज खरे नहीं उतर रहे हैं, तो अभी भी समय है दोस्तों, इस को सही करने के लिए। उठिए, जगिए, हर समस्या का विकल्प इस संसार में ही है।
आपने सारी जिंदगी खूब तपसिया, परिश्रम और पसीना बहाया है। तो आब कुयों लापरवाही और सुस्ती।
अपने "जीवन साथी" का साथ दें, वर्थ ना करें अपना जीवन अब खुशी की खोज में।
दोस्तों
"जिएं जीवन जी भर के, जो आप हमेशा जीना चाहते थे।"
"परन्तु जिदंगी जीने के लिए अब प्रयास उस दिशा में बहुत आवश्यक है।
कोबरा
अगर आप! मेरी बताई हुई, अंतिम श्रृंखला के चार महत्पूर्ण पड़ाव के हर पायदान पर आज खरे नहीं उतर रहे हैं, तो अभी भी समय है दोस्तों, इस को सही करने के लिए। उठिए, जगिए, हर समस्या का विकल्प इस संसार में ही है।
आपने सारी जिंदगी खूब तपसिया, परिश्रम और पसीना बहाया है। तो आब कुयों लापरवाही और सुस्ती।
अपने "जीवन साथी" का साथ दें, वर्थ ना करें अपना जीवन अब खुशी की खोज में।
दोस्तों
"जिएं जीवन जी भर के, जो आप हमेशा जीना चाहते थे।"
"परन्तु जिदंगी जीने के लिए अब प्रयास उस दिशा में बहुत आवश्यक है।
कोबरा
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